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कमर दर्द से रहते हैं परेशान, इन आयुर्वेदिक उपायों से मिलेगा आराम

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कमर दर्द से रहते हैं परेशान, इन आयुर्वेदिक उपायों से मिलेगा आराम

कमर दर्द की आयुर्वेदिक इलाज || kamar dard ki ayurvedic elaj



These ayurvedic and home remedies will give relief from back pain hindi me || कमर दर्द का इलाज


    आइए जानेंगे कमर दर्द शरीर को बहुत नुकसान देने के साथ-साथ आपको सही से बैठने उठने नहीं देता है।यदि आपको कमर में बहुत दर्द तेरा है।तो समझो कि आपकी आदतों में कुछ गलतियां हैं। जो आपके लिए बिल्कुल सही नहीं है। ऐसे कई लोग हैं जिन्हें लगातार कमर में दर्द रहता है।कमर में दर्द इस कारण भी होता है। कि आप प्रतिदिन ऑफिस में या कोई भी काम को प्रतिदिन बैठकर करते हैं। या फिर आप लगातार खड़े रहकर करते हैं । यदि आपको हमेशा दर्द बना रहता है। तो आपको क्रॉनिक बैक पेन का चेकअप करवाना चाहिए। 
आयुर्वेद में कमर दर्द को कटिशूल कहां जाता है । इस दर्द में पीठ के निचले हिस्से में सृजन और अकड़न रहती है । वात दोष के असंतुलन के कारण पीठ के निचले हिस्से में दर्द होता है जिसे पीठ या कमर दर्द के नाम से जाना जाता है। 

  कमर दर्द क्या है

             
                        आजकल कमर में दर्द होना एक सामान्य बात है। कमर दर्द को लेकर  लंबर स्ट्रेन भी कहा जाता है एक्यूट या क्रॉनिक भी हो सकता है। इसमें पीठ या कमर के निचले हिस्से की मांसपेशियां और टेंडान डेमेज हो जाता है । जिसके कारण कमर में ऐठंन और दर्द महसूस होता है आपको बता दें कि रीड की हड्डी पीठ में कई मांसपेशियां और  लिंगामेटस के मिलने से जुड़ी रहती हैं । पीठ की मांसपेशियों में ज्यादा तनाव होने कारण टीशयुु् मे छोटी दरारें या टियर्स आ जाते हैं जिसके कारण मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। और रीढ़ की हड्डी अपनी जगह से खिसक जाती है । जिससे कमर दर्द शुरू हो जाता है। 

लक्षण:


 👉   कमर दर्द के लक्षण क्या है(what is back pain symptoms in hindi) 


        1} बुखार आना। 
        2} वजन कम होना। 
        3} कमर में सूजन आना। 
        4} कमर में एंटन और अकड़न। 
        5} कुलहौ, पैरों और जांघो मे दर्द होना। 
        6} खांसने या छींकने और झुकने के दौरान तेज दर्द महसूस होना। 

                   इन लक्षणों के अलावा और भी कई लक्षण भी सामने आ सकते हैं । अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। 


  कारण:

👉 कैल्शियम की कमी का होना:- कमर दर्द होनेे की संभावनाा  मुख्य रूप से ऐसेे लोगों मैं अधिक रहती है। जिनके शरीर में कैल्शियम की मात्रा कम रहती है। 
👉 ज्यादातर देर तक बैठकर काम करना:- आज के वर्तमान समय में ज्यादातर लोगों को बैठकर काम करना पड़ता है। ऐसी स्थिति मे ज्यादातर लोगों को कमर दर्द होने की ज्यादा रहती है। 


👉 एक्सरसाइज ना करना: कमर दर्द के उपयोग  आमतौर पर ऐसा माना जाता है । कि सभी लोगों 15 से 30 मिनट तक एक्सरसाइज प्रतिदिन करना चाहिए । एक्सरसाइज हमारे शरीर को लचीला बनाने वह साबित करने में सहायक होती है।इसके बावजूद भी कई लोग एक्सरसाइज नहीं करते हैं । जिन्हे कमर दर्द तथा अन्य कई हेल्थ बीमारी होने की संभावना रहती हैै। 
👉 बैठने की मुद्रा सही नहीं होना:- अक्सर आपनेेेे ऐसे लोग देखे होंगे जिनके बैठने की मुद्रा सही नहींं होती। 
          


इलाज||कमर दर्द का रामबाण इलाज

      • कमर दर्द का आयुर्वेदिक इलाज क्या है

    - कमर दर्द का आयुर्वेदिक इलाज थोरिपी जड़ी बूटी और औषधियां की मदद से किया जाता है। 

 [कमर दर्द का आयुर्वेदिक इलाज थोरिपी या कर्म के द्वारा]

👉 स्वेदन कर्म :- कमर दर्दद का इलाज  स्वेदन कर्म द्वारा किया जाता है । इसमें व्यक्ति को तेल या आपकी सहायता से शरीर से पसीना निकलवाया  जाता है । जिसमें  शरीर में वात का संतुलन हो सके और यहां किसी भी तरह सेेे शरीर में कोई समस्या ना उत्पन्न कर सके। 
👉 उध़्दतृन:- 1. मे एक विशिष्ट चिकित्सकीय पाउडर मालिश है। जिसमें जड़ी बूटियों से बने पाउडर से मालिश की जाती है । यह शरीर में खराब हुए वात दोष को संतुलित करता है । 
2. उपचार से पहले पाउडर को गर्म किया जाता है और उसके बाद प्रभावित इससे पर ऊपर की ओर उत्तकों की मालिश की जाती है। 
3. इस पूरी प्रक्रिया में व्यक्ति को 45 से 60 मिनट लग जाता है। और फिर व्यक्ति को लगभग 30 मिनट आराम करना चाहिए । और फिर गर्म पानी से स्नान करना लेना चाहिए। 
 4. इसमें मांसपेशियों को मजबूत कर जोड़ों की गतिशीलता को बेहतर तथा रक्त प्रवाह में सुधार वह शरीर को उर्जा देकर कमर दर्द का उपचार किया जा सकता है। 

 👉विरेचन कर्म:- विरेचन कर्म मैं शरीर को डिटॉक्स किया जाता है ।इसके लिए आपको किसी भी तरह से औषधियों के द्वारा डिटॉक्स किया जाता है। इसमें मल मार्ग के द्वारा पाचन तंत्र को सांफ किया जाता है।वहीं इससे अमा मैं राहत होती है। जिससे वात दोष  के लक्षण कम होते हैं साथ ही कमर दर्द मैं भी बहुत आराम मिलता है। 

👉 बस्ती कर्म:- बस्ती कर्म आयुर्वेद में किया जाने वाला एनिया है। एनिमा को मल मार्ग में डालकर मलाशय से सारा माल बाहर निकाला जाता है। जिससे शरीर में किसी भी प्रकार का अपशिष्ट पदार्थ ना रह जाए इस बस्ती कर्म में जड़ी बूटियों की मदद से मल त्याग कराया जाता है। इससे वात संतुलित होता है। कमर दर्द में राहत मिलती है। 

👉 अग्निकर्म:- विशेष उपकरण द्वारा जोड़ों के अत्यधिक दर्द वाले हिस्से पर अग्निकर्म किया जाता है। दर्द से राहत दिलाने के लिए गर्म किए गए उपकरण को सीधा प्रभावित हिस्से पर लगाया जाता है। जिससे कमर दर्द को दूर किया जा सकता है। 
👉 लैप:- लेप विधि में जड़ी बूटियों से बना गाढ़ा तरल त्वचा पर लगाया जाता है और शरीर में दर्द सूजन और जलन में सामान्य रूप से इसका इस्तेमाल किया जा सकता है
         तेज दर्द के इलाज में दशमूल (10 जड़े) और दूध का प्लास्टर मददगार होता है पेट दर्द तथा शरीर के अन्य दर्दो में भी कई तरह के लेप, मैदा लकड़ी लैप , आदि का प्रयोग किया जाता है। 


     कमर दर्द की आयुर्वेदिक जड़ी बूटी दवा और औषधि(kamar dard ki ayurvedic dawa our aushadhi)

           •  कमर दर्द के लिए आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां

   कमर दर्द का आयुर्वेदिक इलाज निम्न प्रकार की जड़ी बूटी द्वारा किया जाता है। 
            • अगर कमर में दर्द हो तो क्या करना चाहिए

    👉 सोंठ :-  सोंठ सूखी हुई अदरक होती है। 
 जिसके सेवन में पाचन तंत्र स्वसन तंत्र और वात दोष संबंधी समस्या से राहत मिलती है। सोंठ को सेंधा नमक के साथ सेवन करने से वात दोषों में कमी आती है सोंठ  को काढें, अर्क, पाउडर टेबलेट आदि के रूपों में सेवन किया जाता है । जिससे आपको कमर दर्द में राहत मिलेगी । कमर दर्द के लिए आयुर्वेदिक दवा  
   👉 लहसुन:- लहसुन पेट संबंधी समस्या के लिए एक बेहतरीन औषधि मानी जाती है। इससे आपकी अमा घटेगी और वात दोष  भी कम होंगे आप चाहे तो लहसुन को सरसों के तेल में गर्म करके भी लगा सकते हैं। इससे कमर के दर्द में भी बहुत आराम मिलेगा
  👉अरंडी: अरंडी को अंग्रेजी में कैस्टर कहते हैं । अरंडी हर मायने में बहुत फायदेमंद होता है। अरंडी का तेल या कैस्टर आयल से मालिश करने पर कमर दर्द में बहुत आराम मिलता है। 
   👉 रासना:-  रासऩा एक जड़ी बूटी है जो अर्थराइटिस के लिए एक बहुत बेहतरीन औषधि मानी जाती है । कमर दर्द में होने वाली सूजन में बहुत राहत मिलती है । 

 
  कमर दर्द का आयुर्वेदिक इलाज औषधियों के द्वारा

  👉 सिंहनाद गुग्गुल:-  योगराज गुग्गुल एक ऐसी होती है । जिसे कप वात और पित्त वात और पित्त तीनों दोषों का इलाज करने की क्षमता होती है डॉक्टर की सलाह पर आप योगराज गुग्गुल की 2 गोलियां दिन में दो या तीन बार खा सकते हैं । कमर दर्द में योगराज गुग्गुल के सेवन में बहुत राहत मिलती है । 

 👉 बालरिष्ट:- बालरिष्ट एक प्रकार का सिरप होता है। अश्वगंधा गुड ,अरंडी की जड़, लोंग ,इलाइची आदि जड़ी बूटियों से मिलाकर बनाया जाता है। बालरिष्ट वात असंतुलन को संतुलित करता है। इससे कमर दर्द में बहुत राहत मिलती है । 

  👉 दशमूल कषाय:- दशमूल कषाय 10 जड़ी बूटियों से मिलकर बना एक काढा  होता है । जो बेल कथेरी,कलशी आदि  जड़ी बूटियों के मिलन से बना होता है । इसका सेवन 2 महीने तक से दिन में दो बार करने से पुराने दर्द तथा कमर  दर्द भी आसानी से समाप्त हो जाता है। 
 
साइड इफेक्ट:- कमर दर्द का आयुर्वेदिक इलाज करने वाली औषधियां से कोई साइड इफेक्ट हो सकता है। 

👉 अगर महिला गर्भवती है या बच्चे को स्तन उड़ान करा रही है। तो कमर दर्द का आयुर्वेदिक इलाज में प्रयुक्त होने वाली और अंखियों के सेवन से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए। 
 👉 यदि आपको पित्र दोष है तो सौंठ का सेवन ना करें इसके लिए अपने डॉक्टर से अधिक जानकारी ले। 
 👉 यदि आप किसी अन्य दवा आया अन्य बीमारी की दवा का सेवन कर रहे हैं । तो कमर दर्द की आयुर्वेदिक औषधि का सेवन करने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। । 


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