जानिए हर्निया रोग क्या है इसके लक्षण ,फायदे, नुकसान और आयुर्वेदिक उपचार
हर्निया क्या है,
हर्निया एक ऐसी बीमारी है जिसे बहुत से लोग पीड़ित हैं। लेकिन डॉक्टर के पास तभी जाते हैं जब उनका दर्द बर्दाश्त से बाहर हो जाता है। बहुत से लोग डॉक्टर के पास सिर्फ इसलिए नहीं जाते हैं क्योंकि आप्रेशन करना पड़ेगा और भी ऑपरेशन के डर से अपनी बीमारी को वह बढ़ाते रहते हैं ।
इससे छुटकारा पाने के लिए उन्हें एक ऑपरेशन से गुजरना पड़ता है । इस बीमारी से जांग के विशेष हिस्से की मांसपेशियों के कमजोर होने के कारण पेट के हिस्से बाहर निकल आते हैं ।
यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में होती है लेकिन यह पुरुषों में अधिक आम है। यह समस्या 50 वर्ष की आयु के बाद ही अधिक देखी जाती है।
हर्निया के लक्षण:-
कई मामलों में एक दर्द छोटा सा उभार जैसे होते हैं। जो कोई किसी भी समझ समस्या जैसा नहीं लगता है ।और उसे तुरंत चिकित्सा की ओर ध्यान देने की आवश्यकता भी नहीं होती है परंतु हर्निया कभी-कभी असुविधा और दर्द का कारण भी हो सकता है।
जिसमें तनाव के कारण यह बाहरी वस्तुओं के उठाने के कारण तथा दौड़ लगाने के कारण तथा खड़े होने इत्यादि कारणों के दौरान अक्सर लक्षण के रूप में दर्द दिखाई देता है।
अधिकतर लोग इस प्रकार के उभार या उभार में वृद्धि देखते हैं अतः हर्निया के डॉक्टर को दिखाते हैं।
कई मामलों में हर्निया को तत्काल सर्जरी की आवश्यकता होती है उदाहरण के लिए जब आज का हिस्सा एक इग्वाइनल हर्निया द्वारा बाधित हो जाता है या आविछतं हो जाता है अगर
एक इग्वाइनल हर्निया में नीचे दी गई इन सभी समस्याएं पेट दर्द की शिकायत हो तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें
👉 दर्द
👉 जी मचलना
👉 उल्टी
👉 उभार को वापस पेट में धक्का ना दिया जा सके
इन सभी मामलों में सूजन आम तौर पर थोड़ी कठोर और थोड़ी मुलायम सी होती है जिसे पेट में वापस धकेला नहीं जा सकता
हर्निया बेल्ट (herina belt)
शरीर के किसी हिस्से का जरूरत से ज्यादा बढ़ जाना हर्निया बीमारी की और आकर्षित करता है ।ऐसा किसी शारीरिक हिस्से में हो जा सकता है परंतु हर्निया की बीमारी शरीर के अन्य अंगों की अपेक्षा अधिकतर हर्निया पेट में ही होता है । जब पेट की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं तो हर्निया की बीमारी का खतरा शुरू होने लगता है।
यहां महिला और पुरुष दोनों में होने वाली बीमारी है हर्निया से बचाव संभव पर लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव लाकर ही इससे बच सकते हैं।
हर्निया ट्रस या हर्निया बेल्ट का प्रयोग बाहर आते हुए हर्निया के टिशूज को सहारा देने के लिए किया जा सकता है। परंतु इसका प्रयोग एक इग्वाइनल हर्निया दबाने के लिए किया जाता है।
हर्निया होने पर प्रतिदिन करने वाले कार्यों में दिक्कतें आ सकती हैं इसलिए हर्निया को अंदर की ओर धकेलने के लिए इस बेल्ट का इस्तेमाल किया जाता है ।लेकिन लंबे समय तक इस बेल्ट का उपयोग सेहत के लिए हानिकारक भी हो सकता है।
हर्निया बेल्ट के फायदे:-
हर्निया बेल्ट इन मरीजों के लिए लाभदायक है जो सर्जरी करवाने में सक्षम नहीं है जैसे बूढ़े लोग जिन्हें ज्यादा परेशानी ना नाही सर्जरी की खास जरूरत होती है।
यदि आप हर्निया छोटा या कम मात्रा में है। और कोई खास समस्या पैदा नहीं करता है तो हर्निया बेल्ट आपकी पूर्ण सहायता कर सकता है।
यदि ज्यादा सक्रिय रहने की या शारीरिक काम करने की खास आवश्यकता नहीं है तब आप इस बेल्ट का उपयोग कर सकते हैं ।इसे सर्जरी से होने वाली समस्याओं से भी बचा सकते हैं ।
हर्निया बेल्ट के नुकसान
इस बेल्ट की मदद से आप कुछ देर का आराम पा सकते हैं लेकिन परंतु यह हमेशा का इलाज नहीं है अगर आपको हर्निया बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है तो उसे बेल्ट से दबाना सही नहीं है। इससे नुकसान भी हो सकता है।
हर्निया का आयुर्वेदिक उपचार
हर्निया का शुरुआत में ही आयुर्वेदिक इलाज बहेड़ा त्रिफला का एक अंग होता है। आप बहरा का छिलका उतार लीजिए और उसका पाउडर बना लीजिए हैं। और इसका पाउडर बना लीजिए और जामुन के सिरके में मिलाकर हर्निया वाली जगह पर एक से डेढ़ घंटे लेप लगाएं ध्यान दें कि हर्निया का आयुर्वेदिक उपचार बड़े गंभीर व अंबिलिकल हर्निया में इस्तेमाल ना करें
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है।
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