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साइटिका का आयुर्वेदिक इलाज दवा और उपचार

          साइटिका का आयुर्वेदिक इलाज दवा और उपचार(Ayurvedic medicine and treatment for Sciatica in hindi) :-


 साइटिका का आयुर्वेदिक इलाज इन हिंदी|| सायटिका ट्रीटमेंट आयुर्वेद इन हिंदी


             साइटिका ग्रधसि रोग के नाम से भी जानते हैं ।कमर से संबंधित किसी एक नस में सुजन या दब जाए उसकी वजह से हमारे पैरों में दर्द हो जाए उसे हम साइटिका ग्रधसि रोग कहते हैं। 
  
               आमतौर ग्रधसि रोग 50 वर्ष के ऊपर महिलाओं और पुरुष में देखा जाता है । साइटिका नर हमारे शरीर की सबसे लंबी नर मानी जाती है। यह हमारे कमर से लेकर हमारे पैरों के पंजों तक तकलीफ होती है। 

      साइटिका आयुर्वेदिक इलाज 

       👉 इसमें आप 3 4 लहसुन की कच्ची कली उसको सुबह दांत से चबाकर एक गिलास गुनगुने पानी से सुबह खाली पेट इसका सेवन करेंगे

       👉 आपको बालू को किसी भी बर्तन में गर्म करने और एक कपड़े की पुतली बनाकर उसको रख ले पुतली बनाकर उसको रख ले तकलीफ वाली जगह पर गर्म से सिकाई करें। 

       👉 सरसों का तेल गर्म ले और उसमें तीन पांच दाने लहसुन की कली को डालने और उसको पका लें और उस तेल को आप कांच की शीशी मैं रख लें और तकलीफ वाली जगह पर हल्के हाथों से मालिश करें ऐसा करने से साइटिका दर्द में राहत मिलेगी। 

       👉 गर्म पानी में नमक मिलाकर उसको अच्छी तरह गर्म ले और कपड़े की पोटली बनाकर तकलीफ वाली जगह पर सेंधा नमक मिले हुए पानी से हल्के हाथों से सिकाई करें। 

 साइटिका के लिए योगासन ||साइटिका पेन की एक्सरसाइज

 

              1. बालासन(childs pose balasn) :-  बाल आसन के नियमित अभ्यास करने से शरीर को आराम पहुंचाने और स्वस्थ बनाने में मदद मिलती है लंबाई में खोलता है और स्ट्रेसिंग देने में मदद करता है यह आपके एप्स में लचीलापन बढ़ाता है और हिप्स जागो और निचली कमर में जलन को दूर करने में मदद करता है                     
                                       

      


2. भुजंगासन(bhujangana / cobra pose) :- शरीर को आराम देने वाला यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने के साथ ही स्पाइन को अच्छी स्ट्रेच देता है यह शरीर में लचीलापन और रक्त संचार को बढ़ाने में भी काफी मदद करता है। 
                                 


3. शलभासन(salabhasan/ locust pose) :- यह आसन उनकी स्पाइन ब्लूटूथ और जांघों को मजबूत बनाने में मदद करता है यह आपकी कोर और लोअर बैक को स्थिर बनाता है यह आपके एप्स में सरकुलेशन और लचीलापन बढ़ाने में भी मदद करता है ।   


4. सेतु बंध सर्वांगासन(setu bhadha sarvangasana/bridge pose) :- सेतु बांध सर्वांगासन के अभ्यास से स्पाइन को स्टेचू मिलती है और दर्द में टेंशन से राहत मिलती है इसका धीमी गति से होने वाला सकारात्मक असर शरीर में रक्त संचार को बढ़ाने में भी मदद करता है इसके अलावा यह टांगो ब्लूटूथ और कोर को सबल बनाने में भी मदद करता है। 
                    



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